कुलगीत |
सद्ज्ञान तीर्थ पावन नगरी यही सुहाती।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती।।
शिक्षा जगत पुरोधा आदर्श राष्ट्र - नायक।
हिंदी प्रबल समर्थक सदभावना विधायक।।
यह मुक्त पीठ अनुपम राजर्षि जिसकी थाती।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती।।
संगम मनीषियों की चिन्तन धरा मनोहर।
भगवान राम अपने दीक्षित हुए यहीं पर ।।
विज्ञान, धर्म, दशर्न के मंत्र को जगाती ।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती ।।
गंगा, सरस्वती माँ, यमुना की वाग्धारा।
स्वाध्याय, स्वावलम्बन, मंथन पुनीत नारा ।।
मंगलमयी उषा से सबका हृदय खिलाती ।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती ।।
उत्तर प्रदेश व्यापी अध्ययन केन्द्र न्यारे।
दूरस्थ ज्ञान पद्धति आधार हैं, हमारे ।।
विद्या प्रसार माध्यम संचार तंत्र पाती ।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती ।।
सत्कर्म, मुक्त चिन्तन, आदर्श पथ चलें हम ।
ज्ञानी बनें, गुणी हों, मंजिल पहुँच के ले दम।।
जीवन जगत समुज्ज्वल का सूत्र नित सिखाती ।
सबके लिए सुशिक्षा संकल्प शुभ सुनाती ।।
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